उपन्यास

किताब

रामजी ने छठी क्लास की अपनी किताबों को देखा और पाया कि वह बेकार में ही फेल हुआ। खासकर सामाजिक विज्ञान की किताब तो बहुत ही रुचिकर थी। विज्ञान वाली ने तो उसे आश्चर्यचकित कर दिया। अंग्रेजी और गणित की किताबें अभी भी समझ से बाहर थीं लेकिन वह आश्वस्त था कि उनको भी समझ लेगा।

स्त्रीगंध

एक पुरुष जब अपनी पसंद की स्त्री को देखता है तो क्या उसकी गंध उसको खींचती,लुभाती और आत्मविभोर करती है और क्या यह सिर्फ सेक्स होता है या इससे आगे कुछ और भी है?

प्रिय ओलिव

यह कृति इस सवाल का जवाब देती है कि एक विद्यार्थी में सीखने , याद रखने और उससे सम्प्रेषित करने की क्षमता विकसित करने वाली शिक्षा किसी होनी चाहिए ?

बच्चे की हथेली पर

बाल उत्त्पीड़न की अंतःकथाएँ कहता यह उपन्यास उस बच्चे के बारे में आपको नए सिरे से सोचने के लिए बाध्य करता है , जिसके आप माता-पिता हैं अथवा अभिभावक

घनश्यामदास बिड़ला

बहुत कम लोग जानते होंगे कि प्रसिद्ध उद्योगपति घनश्यामदास बिड़ला ने आजादी की लड़ाई के दौरान अंग्रेजों और राष्ट्रीय कांग्रेस के मध्य एक सेतु का काम किया था।

प्रिय ओलिव

यह कृति इस सवाल का जवाब देती है कि एक विद्यार्थी में सीखने , याद रखने और उससे सम्प्रेषित करने की क्षमता विकसित करने वाली शिक्षा किसी होनी चाहिए ?

स्कूल बैंड

सन उन्नीस सौ इक्यावन में संतपुरिया बालिका विद्यापीठ, संतपुर के एन.सी.सी बैंड ने पहली बार दिल्ली की गणतंत्र दिवस की परेड में परफॉर्म किया था। इसके बाद साल-दर-साल उसका एक शानदार इतिहास बनता चला गया। किन्तु बासठ साल बाद, दौ हजार बारह में यह कहकर उसे परेड से बाहर कर दिया गया कि वह एक प्राइवेट स्कूल का बैंड है।