सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को नायगांव में हुआ था। यह महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित है। विवाह के समय उनकी आयु मात्र 9 वर्ष थी। उनका विवाह जोतीराव फुले के साथ तद्कालीन समाज की रीत के मुताबिक हुआ था। यही..
Read More
एक ठिठोली पसंद राजा था। भरे दरबार में एक रोज उसे ठिठोली सूझी कि अचानक सिंहासन से उठ खड़ा हुआ। हाथों से उतारकर अपना मुकुट सिंहासन पर रख दिया। दरबार में मौजूद सामंतों से हुक्मराना अंदाज में बोला, ‘‘राजपाट से मैं ऊब चुका हूँ। यह सिंहासन, यह मुकुट आप लोगों के हवाले है। मैं इस क्षण इसका परित्याग करके संन्यास लेना चाहता हूँ।’’ फिर..
Read More
एक राजा बहुत परेशान था। परेशानी का सबब था कि उसके राज में बोया गया बीज उगता नहीं था। राजा जी के बाग के पेड़-पौधे भी नंगे खडे़ थे। उन पर फल-फूल लगना तो दूर, पत्ते तक नहीं आते थे।..
Read More
शिकार को निकले एक राजा को जंगल का हरा-भरा खास इलाका पसन्द आया। उसने हुक्म दिया कि यहां हमारे लिए एक महल बनवाया जाये।
मंत्री ने हिचकिचाते हुए कहा- ‘‘हुजूर! यहां तो घने पेड़ हैं। बगल में झरने बहते हैं। पेड़ों को काटना पडे़गा। झरनों का रूख बदलना पडे़गा।’ ..
Read More
हिमयुग के दौरान, बेहद ठंड से बहुत-से जानवर मर गए इसलिए साहियों ने तरकीब लगाई कि सब एक साथ चिपके रहेंगे, ताकि सब सुरक्षित और गर्म रह सकें। मगर जैसे ही वह करीब आते उनकी पीठ के कांटे एक- दूसरे को चुभते और घायल कर देते, तो तरकीब काम नहीं आई और सब फिर दूर होते चले गये। .. Read More
14 सितम्बर को राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी अपनी स्थापना की स्वर्ग जयंती मनाने जा रही है। इस अकादमी के पचास साल के इतिहास में लगभग 15 साल मेरे हिस्से में हैं जब मैं इसका निदेशक रहा था।
पता नहीं मुझे क्यों लग रहा है कि इस अवसर पर मुझे अपने कार्यकाल का हिसाब देना चाहिए।
मेरे कार्यकाल में अग्रांकित काम हुए थे- Read More..
आरोप था कि जात का जुलाहा कबीर उपदेश देने की जुर्रत करता है। यह कि उसकी नजर में हिन्दू-मुसलमान एक हैं। यह कि इन कौमों के मजहबों की बुराइयों के पद गाता फिरता है।
उसके इस गुनाह के लिए अक्लमंदों ने सजाये मौत को कम पाया था। Read More..
वह एक कुत्ता ही था जो आखेट युग में आदिमानव का अथक सहयोगी और अभिन्न साथी-सखा था। उनका ये रिश्ता आज भी कायम है। डाग लवर्स इसको भलीभांति जानते और समझते हैं। Read More