डॉ अरविन्द माथुर (पशु चिकित्सक)
"ओलिव को मेरे पास इलाज के लिए लाया गया तो उसका जिस्म लकड़ी की तरह अकड़ा हुआ था। वह आखिरी सांसें गिन रहा था..
पहला सवाल था कि क्या वह सुबह तक जिंदा रह पायेगा? परन्तु 45 दिन बाद! वह अपने पांव से चलकर मेरे यहां आने-जाने लगा। मेरा इलाज अपनी जगह था किन्तु उससे भी आगे थी- सैनी फेमिली की केयर... जिससे ओलिव को नई जिंदगी मिली थी।" " Read More "
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"जीवों से प्रेम का दस्तावेज
डॉ. सैनी ने अपनी कृति 'प्रिय ओलिव : 'श्वान-सेवा एक दुर्लभ कथा ' की अत्यंत मार्मिक शब्दों में संरचना एक संस्मरण के रुप में बहुत ही सुंदर तरीके से की है..."
21 Oct 2018....Read More "